रविवार, जून 29, 2025
होमNationalसंसद की कार्यवाही ठप करके करोड़ो रुपये बर्बाद करने का असली मकसद...

संसद की कार्यवाही ठप करके करोड़ो रुपये बर्बाद करने का असली मकसद हैरान करने वाला

Published on

spot_img
Follow Us : Google News WhatsApp

जनता की गाढ़ी कमाई को क्यों बर्बाद करतें हैं सांसद

KKN न्यूज ब्यूरो। आज हम आपका ध्यान देश की एक ऐसी समस्या की ओर खींचना चाहतें हैं, जहां हमारे और आपके, यानी हम सभी के मुकद्दर का फैसला होता है। किंतु, वहां होता क्या है? इसके तफ्तीश में जाने से पहले आज हम आपसे एक सवाल पूछना चाहतें है। सवाल ये कि, आपने कभी सोचा है कि हमारे घर के किसी नौजवान को अच्छी सैलरी के साथ नौकरी मिल जाए और वह अपने दफ्तर में पहुंचते ही हंगामा करने लगे। तोड़फोड़ करने लगे और इस काम को करते हुए उसे, उसको नौकरी से बर्खाश्त करने के बदले, उसकी सैलरी बढ़ा दी जाए, सुविधाएं बढ़ा दी जाए…?

अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकते है? पर, सच तो यही है, कि ऐसा हो रहा है और वह भी हमारे देश के लोकतंत्र की सबसे बड़ी मंदिर, यानी संसद में। दरअसल, आय रोज संसद के कार्यवाही के ठप होने की खबरे हम सभी सुनते रहतें हैं। पर, क्या आप जानते हैं कि इस हंगामे का हमें कितना कीमत चुकाना पड़ रहा है? दरअसल, संसद में एक मिनट की कार्यवाही का खर्च, ढाई लाख रुपए पड़ता है। यानि, एक घंटे का खर्च डेढ़ करोड़ रुपए हुआ। आमतौर पर राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन में 5 घंटे चलती है, जबकि लोकसभा की कार्यवाही एक दिन में 8 से 11 घंटे चलती है। अगर लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर रोजाना एक घंटे काम हों तो सोमवार से शुक्रवार तक का खर्च, तकरीबन 115 करोड़ रुपये होता है। ऐसे में 2010 से 2014 के बीच संसद के 900 घंटे बर्बाद हुए, तो सोचिए कितना पैसा बर्बाद हुआ होगा?

हंगामें की भेंट चढ़ी करोड़ो रुपये

अब आइए, इसको विस्तार से समझते हैं। लोकसभा से प्राप्त आकड़ो पर गौरकरें तो 16वीं लोकसभा के पहले सत्र हंगामे की वजह से 16 मिनट बर्बाद हो गई। यानी 40 लाख रुपये का नुकसान हो गया। इसी प्रकार दूसरे सत्र में 13 घंटे 51 मिनट बर्बाद हुए, यानी 20 करोड़ 7 लाख रुपये का नुकसान हो गया। तीसरे सत्र में 3 घंटे 28 मिनट तक सदन में हंगामा चलता रहा और कोई काम नहीं हुआ। इससे हमारे देश के 5 करोड़ 20 लाख रुपये का नुकसान हो गया। इसी प्रकार चौथे सत्र में 7 घंटे 4 मिनट तक हुए हंगामे से देश को 10 करोड़ 60 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। पांचवे सत्र में हद ही हो गई। हंगामें के कारण संसद का 119 घंटे बर्बाद हुए और देश के खजाने को 178 करोड़ 50 लाख रुपये का नुकसान हो गया। हम सभी ने देखा है कि सत्र के दौरान अक्सर संसद की कारवाही हंगामे की भेंट चढ़ी है। देश का करोड़ो रुपये बर्बाद होता रहा है। ताज्जुब की बात ये है कि इस बर्बादी के लिए कोई जिम्मेदार नही है। नाही, किसी को इसकी सजा दी जाती है। उल्टे, हंगामा करने वालों का बेतन और भत्ता में बढ़ोतरी होना तय माना जाता है।

आवाम के टैक्स की हो रही है बर्बादी

जानते हैं संसद की कार्यवाही के लिए जो पैसे खर्च किए जाते हैं, वह कहां से आता है? दरअसल, वह हमारी और आपकी कमाई से ही वसूला जाता है। यानी हम जो टैक्स देते है, उसी राशि को राजनीतिक कारणो से हमारे रहनुमा बर्बाद कर देते है। हम और आप दिनरात मेहनत करके जो पैसा कमाते हैं, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है। उसी टैक्स से सरकारी खजाना भरता है और उसी खजाने से संसद की कार्यवाही पर खर्च करने के लिए पैसों का इंतजाम होता है। अब सवाल उठता है कि हमारे सांसद अपने या अपनी पार्टी की एजेंडा चलाने के लिए संसद का उपयोग क्यों करतें हैं? विधेयक पर, तार्किक वहस के बदले हंगामा खड़ा करके, कारवाही को ठप कर देने की प्रवृति, हमारे देश में नई नही है। पर, इस प्रवृति में दिन प्रतिदिन हो रही बढ़ोतरी अब हमारे लिए चिंता का विषय बन गया है। एक दूसरे पर इल्जाम मढ़ने में महिर हो चुके, हमारे ये रहनुमा, इसके लिए खुद को जिम्मेदार भी नही मानते है। चिंता इसलिए भी, कि इन्हींके बहकावे में आकर हम जाति, धर्म और सम्प्रदाय की आर में इस कदर बट चुकें हैं, कि इस गंभीर विषय पर भी चुप रहना, हमारी आदद बन चुकी है।

सांसद को मिलने वाली सुविधाएं

इस बात को आगे बढ़ाने से पहले, आइए अब आपको बतातें हैं कि जन समस्याओं पर गंभीर चर्चा करने की जगह अपने कतिपय राजनीतिक एजेंडा के खातिर संसद में हंगामा करने वाले हमारे रहनुमाओं का, इसमें खुद का हित किस प्रकार से जुड़ा है? कहतें हैं कि भारत उन देशों में शामिल है, जहां सांसदों ने अपनी सैलरी और भत्ते तय करने का अधिकार खुद के पास रखा हुआ है। इंफो चेंज इंडिया के मुताबिक, हमारे सांसद देश की औसत आय से 68 गुना ज्यादा वेतन और भत्ते पाते हैं। इसके अलावा दुनिया के कई देशों से उलट, उन्हें निजी व्यापार करने और असीम दौलत कमाने की सुविधा भी मिली हुई है।

हंगामा करते सांसद

बावजूद इसके उन्हें अपना वेतन व भत्ता प्रयाप्त नही लग रहा है। लिहाजा वेतन व भत्ता में बढ़ोतरी के लिए हालिया दिनो में सरकार ने एक संसदीय समिति का गठन कर दिया है। या यू कहें कि समिति की रिपोर्ट सरकार को मिल भी चुकी है। आपको जानना जरुरी है कि संसदीय समिति ने सांसद के वेतन और दैनिक भत्ता को दोगुना करने का, सरकार को प्रस्ताव दिया है और तकरीबन सरकार ने इसे मान भी लिया है। क्या आप जानते हैं कि आपके चुने हुए जन प्रतिनिधियो को सरकार की ओर से कितना वेतन और भत्ता मिलता है? हम आपको बतातें हैं। दरअसल, सांसद को प्रत्येक महीना 50 हजार रुपये का वेतन मिलता है। अब संसदीय समिति ने इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये करने की सिफारिश कर दी है। इसके अतिरिक्त एक सांसद को अपने संसदीय क्षेत्र में कार्यालय रखने के लिए 45 हजार रुपये अलग से मिलता हैं। इसमें 15 हजार रुपये का स्टेशनरी और पोस्टेज के लिए और 30 हजार रुपये सहायकों को भुगतान करने के लिए मिलता हैं। संसद सत्र के दौरान संसद आने पर सांसद को रोज 2 हजार रुपये का अतिरिक्त दैनिक भत्ता मिलता है। बावजूद इसके, उन्हें सस्ते कैंटिन की सुविधा दी जाती है। इतना ही नही बल्कि उनको अपने घर में इस्तेमाल के लिए तीन टेलीफोन लाइन की सुविधा दी जाती है और प्रत्येक लाइन पर सालाना 50 हजार कॉल मुफ्त में करने की छूट होती है। इसी प्रकार, घर में फर्नीचर के लिये 75 हजार रुपये, पत्नी या किसी और के साथ साल में 34 हवाई यात्राएं मुफ्त में करने, रेल यात्रा के लिये मुफ्त में फर्स्ट एसी का टिकट, सालाना 40 लाख लीटर मुफ्त पानी, सालाना 50 हजार यूनिट मुफ्त बिजली, सड़क यात्रा के लिये 16 रुपये प्रति किलोमीटर का किराया भत्ता और सांसद और उसके आश्रितों को किसी भी सरकारी अस्पताल में मुफ़्त इलाज की सुविधा दी जाती है। निजी अस्पतालों में इलाज पर खर्च का भुगतान सरकारी खजाने से करने का प्रावधान है। इसी प्रकार सांसद रहते हुए दिल्ली के पॉश इलाके में फ्लैट या बंगला की सरकारी सुविधा, वाहन के लिये ब्याज रहित लोन और कंप्यूटर खरीदने के लिये दो लाख रुपये सरकारी खजाने से अनुदान मिलता है। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि हमारे प्रतिनिधि को प्रत्येक तीन महीने पर पर्दे और सोफा का कवर धुलवाने का खर्च भी सरकारी खजाने से ही मिलता है। सबसे अहम बात ये, कि सांसदों की यह आमदनी टैक्स के प्रावधानों से मुक्त होता है। यानी सांसदों को अपने वेतन और भत्ता पर टैक्स नहीं देना पड़ता।

डबल पेंशन लेने का है प्रावधान

चुनाव हारने के बाद भी एक पूर्व सांसद को हर महीने 20 हजार रुपए का पेंशन मिलता है। पांच साल से अधिक होने पर हर साल के लिए 1,500 रुपए अलग से दिए जाते हैं। हालाकि, अब इस राशि को बढ़ाकर संसदीय समिति ने 35 हजार रुपए करने की सिफारिश कर दी है। आपको यह जान कर हैरानी होगी कि भारत में पूर्व सांसद और पूर्व विधायक को डबल पेंशन लेने का भी हक है। कहने का अर्थ यह कि कोई व्यक्ति पहले विधायक रहा हो और बाद में सांसद बना हो तो उसे दोनों पेंशन लेने का हक है। बतातें चलें कि सांसद या पूर्व सांसद की मृत्यु होने पर उनके आश्रित को आजीवन आधी पेंशन दी जाती है। इसी प्रकार पूर्व सांसदों को किसी साथी के साथ ट्रेन में सेकेंड एसी में मुफ्त यात्रा की सुविधा है। यही यात्रा यदि वे अकेले करतें हैं तो प्रथम श्रेणी एसी की सुविधा दी जाती है।

ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि, इतना सुविधा लेने के बाद भी जनहित में कार्य करने की जगह राजनीतिक एजेंडा के तहत महज हंगामा खड़ा करके सरकारी धन का कब तक दुरुपयोग होता रहेगा? अपने इलाके और देश की समस्याओं पर वहस करने की जगह महज एक दुसरे को कटखड़े में खड़ा करने और संसदीय कार्यो में बाधा खड़ा करके अपना ऐजेंडा चलाने की, बढ़ रही प्रवृति से आखिरकार नुकसान किसका हो रहा है? ऐसे, और भी कई सवाल है, जो हम आपके सोचने के लिए छोड़े जातें हैं।

 


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Latest articles

पटना आ रहे बाबा बागेश्वर, गांधी मैदान में होगा सनातन महाकुंभ, लाखों श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना

बिहार की राजधानी पटना एक ऐतिहासिक आध्यात्मिक आयोजन की तैयारी कर रही है। देशभर...

Bigg Boss के वो 8 कंटेस्टेंट जिनकी मौत ने फैंस को किया हैरान, अब शेफाली जरीवाला भी शामिल

टीवी इंडस्ट्री से एक बार फिर दिल तोड़ने वाली खबर आई है। 'कांटा लगा...

‘द फैमिली मैन 3’ का एलान: मनोज बाजपेयी के साथ जयदीप अहलावत की एंट्री

भारत की सबसे चर्चित वेब सीरीज़ में से एक ‘द फैमिली मैन’ का तीसरा...

‘कांटा लगा’ फेम एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला का निधन

फेमस म्यूजिक वीडियो ‘कांटा लगा’ से रातों-रात देशभर में मशहूर हुईं अभिनेत्री शेफाली जरीवाला...

More like this

‘कांटा लगा’ फेम एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला का निधन

फेमस म्यूजिक वीडियो ‘कांटा लगा’ से रातों-रात देशभर में मशहूर हुईं अभिनेत्री शेफाली जरीवाला...

‘उमराव जान’ की स्क्रीनिंग में बॉलीवुड उमड़ा, रेखा और अन्य सितारों ने लूट ली लाइमलाइट

बॉलीवुड की प्रतिष्ठित और क्लासिक फिल्म उमराव जान (1981) को 27 जून 2025 को...

तेज प्रताप यादव ने खुद को बताया दूसरा लालू यादव, तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने का दिया समर्थन

बिहार की राजनीति में अपनी बेबाक बयानबाजी और अनूठे अंदाज के लिए पहचाने जाने...

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: आस्था, प्रेम और समर्पण का अद्वितीय उत्सव

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 ओडिशा के पुरी शहर में हर साल आयोजित होने वाला...

‘सरदार जी 3’ ट्रेलर विवाद: गुरु रंधावा का गुस्सा, ट्वीट से जताया गुस्सा

हाल ही में 'सरदार जी 3' फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हुआ, जिसमें पाकिस्तानी अभिनेत्री...

FWICE ने ‘बॉर्डर 2’ से दिलजीत दोसांझ को निकालने की मांग की, पूर्व मैनेजर ने किया बचाव

पंजाबी सिंगर और अभिनेता दिलजीत दोसांझ इन दिनों अपने करियर के सबसे बड़े विवादों...

अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला का पहला संदेश: ISS पर डॉकिंग से पहले भारत का गौरवमयी क्षण

भारत के अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर जुड़...

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में तेजी, चुनाव चिन्हों का आवंटन: पार्टी के नए प्रतीक और चुनावी रणनीतियाँ

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ अब तेज़ हो गई हैं। चुनाव आयोग ने विभिन्न...

बिहार के मंत्री अशोक चौधरी बने प्रोफेसर, अब कॉलेज में पढ़ाएंगे राजनीति शास्त्र

बिहार के वरिष्ठ नेता और राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ. अशोक चौधरी अब शिक्षा के क्षेत्र में...

तेजस्वी यादव का बयान: बिहार की राजनीति में लालू यादव परिवार से किसी नए सदस्य के प्रवेश पर रोक

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने हाल ही में लालू यादव परिवार से...

भारतीय क्रिकेट के ऐतिहासिक माइलस्टोन: 25 जून, भारतीय क्रिकेट के लिए एक खास दिन

KKN गुरुग्राम डेस्क | 25 जून भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण...

इंदिरा गांधी आपातकाल: भारतीय लोकतंत्र का सबसे अंधकारमय दौर

KKN गुरुग्राम डेस्क | 25 जून 1975 का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक...

सावन में कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन अलर्ट, पुलिस की सुरक्षा में चलेंगे श्रद्धालु, ड्रोन से भी होगी निगरानी

KKN गुरुग्राम डेस्क | जैसे-जैसे सावन महीना नजदीक आ रहा है, कांवड़ यात्रा की तैयारियां जोरों पर...

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘जनता दर्शन’: जनता की समस्याओं का तत्काल समाधान का आश्वासन

KKN गुरुग्राम डेस्क उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जून 2025 को अपने सरकारी आवास...

सीट शेयरिंग पर एनडीए और महागठबंधन में खिचड़ी पकनी शुरू

KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार एनडीए में BJP-JDU के बीच सीटों को लेकर खामोश खींचतान।...
Install App Google News WhatsApp